महराजगंज। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने परतावल क्षेत्र में अचानक जांच अभियान चलाकर तीन निजी अस्पतालों और एक झोलाछाप क्लिनिक को सील कर दिया।
टीम को तीनों जगहों पर गंभीर अनियमितताएं मिलीं—कहीं अस्पताल का पंजीकरण रिन्यू नहीं था तो कहीं किसी भी प्रकार का रजिस्ट्रेशन मौजूद ही नहीं था।
जानकारी के मुताबिक जिलाधिकारी ने जिले भर में अवैध अस्पतालों, पैथोलॉजी और झोलाछाप क्लीनिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसी के तहत स्वास्थ्य विभाग की अलग-अलग टीमें इस समय लगातार निरीक्षण कर रही हैं।
इसी क्रम में गुरुवार को एसीएमओ और निजी अस्पताल-पैथोलॉजी के नोडल अधिकारी डॉ. वीरेंद्र कुमार आर्या की अगुवाई में टीम परतावल पहुंची। टीम ने सबसे पहले परतावल बाजार के एक निजी अस्पताल की जांच की। कागजात की पड़ताल में पाया गया कि अस्पताल का रजिस्ट्रेशन कई समय से रिन्यू ही नहीं कराया गया है और संस्था बिना वैध अनुमति के मरीजों का इलाज कर रही थी। नियमों के उल्लंघन पर अस्पताल को उसी समय सील कर दिया गया।
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इसके बाद टीम श्यामदेउवा गांव पहुंची, जहां एक और निजी अस्पताल का निरीक्षण किया गया। यहां भी रजिस्ट्रेशन रिन्यू न होने के साथ-साथ जरूरी कागजात भी नहीं मिले। विभाग ने इस अस्पताल को भी तुरंत सील कर दिया और संचालक के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर ली।
इसी गांव में चल रहे एक झोलाछाप क्लीनिक की भी जांच की गई। टीम को पता चला कि क्लीनिक चलाने वाले व्यक्ति के पास कोई भी पंजीकरण या अनुमति नहीं है। ऐसे में क्लीनिक को तत्काल सील कर दिया गया और संचालक को चेतावनी दी गई कि दोबारा अवैध उपचार करते पकड़े जाने पर उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।
जांच के दौरान टीम गोधवल गांव भी पहुंची। यहां स्थित एक निजी अस्पताल में दस्तावेज सही पाए गए। अस्पताल रजिस्टर्ड था और मौके पर एक डॉक्टर मौजूद मिला, साथ ही एक मरीज भर्ती भी था।

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