गोरखपुर में लोहिया उपकेंद्र के अभियंताओं की लापरवाही और विभागों के बीच समन्वय की कमी के कारण करीब पांच हजार परिवारों की दीपावली की तैयारियों में बाधा आई। सड़क चौड़ीकरण और लाइन शिफ्टिंग के काम के लिए तय शटडाउन दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक होना था, लेकिन न तो काम समय पर शुरू हुआ और न बिजली समय पर लौटी, जिससे कई इलाकों में लगभग पांच घंटे तक बिजली संकट रहा।
मुख्य समस्याएं इस प्रकार हैं:
अभियंताओं के बीच समन्वय की कमी के कारण शटडाउन में देरी हुई और काम निर्धारित समय में पूरा नहीं हुआ।
उपभोक्ताओं को शाम 4 बजे तक बिजली लौटने की उम्मीद थी, लेकिन अंधेरा फैल गया और इन्वर्टर भी जवाब देने लगे।
AI Image Generator स्थानीय उपभोक्ताओं ने कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब या जानकारी नहीं मिली।
अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं; टाउन हॉल खंड के अधिशासी अभियंता ने समन्वय की कमी स्वीकार की, जबकि विद्युत माध्यमिक कार्यखंड के अधिशासी अभियंता ने ठेकेदार की लापरवाही को दोषी ठहराया।
दोपहर 2 बजे तक काम शुरू न होने पर शटडाउन रोकने की सलाह दी गई थी, लेकिन इसे अनदेखा कर शटडाउन लिया गया।
लोहिया और पाम पैराडाइज उपकेंद्र दोनों मोहद्दीपुर पारेषण उपकेंद्र से जुड़े होने के कारण, पाम पैराडाइज उपकेंद्र भी करीब एक घंटे के लिए बंद रहा, जिससे वहां के उपभोक्ताओं को भी परेशानी हुई।
एक लाइनमैन पोल पर काम करते हुए गिर गया और गंभीर रूप से घायल हो गया। भर्ती में देरी और आर्थिक सहायता न मिलने की शिकायत है। उसकी हालत नाजुक है।
इस घटना ने विभागीय सुरक्षा व्यवस्था और समन्वय प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विद्युत विभाग अब सड़क और बिजली से जुड़े कार्यों में बेहतर समन्वय के लिए एक विशेष कोऑर्डिनेशन सेल बनाने की योजना बना रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की समस्याएं न हों और उपभोक्ताओं को परेशानी न हो।