By: Rahul Gupta (rahuul.info@gmail.com)
उत्तर प्रदेश में देवरिया जिले के ग्राम अमड़ी के पास एक अनोखी सिविल इंजीनियरिंग का उदाहरण देखने को मिलता है,
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जहां देवरिया शाखा नहर के नीचे से एक नदी बहती है। नहर निर्माण के समय नदी के प्रवाह को बाधित न करते हुए, नहर के नीचे सुरंग बनाकर साइफन तकनीक का उपयोग किया गया है। इस साइफन के माध्यम से नदी का पानी बिना किसी रुकावट के बहता रहता है। यह तकनीक दशकों से बिना किसी प्रभाव के काम कर रही है, जो इंजीनियरिंग की एक बड़ी सफलता मानी जाती है। दिलचस्प बात यह है कि इस जगह से निकलने वाली नहर और नदी विपरीत दिशाओं में बहती हैं, लेकिन लगभग 150 किलोमीटर दूर जाकर ये दोनों फिर मिल जाती हैं। नेपाल सीमा से लगभग तीन किलोमीटर दूर ग्राम अमड़ी के पास से निकलने वाली यह नदी, देवरिया जिले के भटनी क्षेत्र में छोटी गंडक नदी में मिल जाती है। नेपाल से निकलने वाली यह नदी शुरुआत में छोटी दिखती है, लेकिन आगे बढ़ने पर इसका स्वरूप बढ़ता चला जाता है और यह मेहरौना के पास घाघरा नदी में मिल जाती है। यह अनोखी साइफन तकनीक और नदी-नहर का यह संगम क्षेत्र की जल प्रबंधन और इंजीनियरिंग में एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। यदि आप चाहें तो मैं इस विषय पर और जानकारी या चित्रात्मक व्याख्या भी प्रदान कर सकता हूँ।